
RPSC 2nd Grade Science Syllabus In Hindi-राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के द्वारा शिक्षक भर्ती Grade Second का Syllabus जारी कर दिया गया है। समस्त वरिष्ट आध्यापक की तैयारी कर रहे उमीदवारों के लिए इस आर्टिकल मे RPSC 2nd Grade Science Syllabus और RPSC 2nd Grade Exam Pattern क्रमबद्द रूप से बताया गया है।
आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहें हो तो आपको उस परीक्षा से संबंधित Syllabus और Exam Pattern की जानकारी होना आवश्यक है। RPSC 2nd Grade Exam मे दो पेपर होते है जिसमे पहला पेपर सामान्य ज्ञान का और दूसरा पेपर संबंधित विषय का होता है।
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इस आर्टिकल मे आपको पेपर 2 मे RPSC 2nd Grade Science Syllabus उपलब्ध करवाया जा रहा है। यदि आप विज्ञान विषय से संबंध रखते है, तो आप यहाँ से RPSC Second Grade Science Syllabus in Hindi pdf Download कर सकते है।
RPSC 2nd Grade Science Syllabus in Hindi – Paper 2nd के Syllabus और Exam Pattern के बारे मे जानेंगे। प्रथम पेपर मे 15 0 प्रश्न पूछे जाते है जो की 300 अंकों के होते है। इस पेपर के लिए 2 घण्टे 30 मिनट का समय दिया जाता है। प्रश्न गलत होने पर 1/3 नकारात्मक अंकन होगा।
RPSC 2nd Grade Science (Paper-2) Exam Pattern –
Part (भाग) | Subject (विषय) | No. Of Question (प्रश्नों की संख्या) | Marks (अंक) | Time (समय) |
A | संबंधित विषय के बारे में माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर का ज्ञान। | |||
B | संबंधित विषय के बारे मे स्नातक स्तर का ज्ञान | 150 | 300 | 2.30 Hours |
C | संबंधित विषय की शिक्षण-विधियाँ |
नोट :-
- प्रश्न-पत्र में बहुविकल्पीय 150 प्रश्न होंगे ।
- सभी प्रश्नों के अंक समान है ।
- प्रत्येक गलत उत्तर के लिए प्रश्न अंक का 1/3 भाग काटा जाएगा ।
Biology –
कोशिका और आण्विक जीव विज्ञान:
- कोशिका और कोशिकांगो की सरंचना एवं कार्य, न्यूक्लिक एसिड, DNA एवं RNA ; केंद्रीय dogma; प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड की संरचना और कार्य।
आनुवंशिकी :
- मेण्डल के कार्य और मेंडेलिज्म; रक्त समूह, Rh कारक और आनुवंशिक विकार।
वर्गिकी:
- पंचजगत परिकल्पना; जंतु जगत (प्रोटोजोआ से कॉर्डेटा) और पादप समूह (शैवाल से एंजियोस्पर्म) के प्रमुख संघों का वर्गीकरण और विशेषताएं।
पारिस्थितिकी और पर्यावरणिक जीव विज्ञान:
- खाद्य श्रृंखला, खाद्य जाल और पारिस्थितिक पिरामिड; प्रदूषण (वायु, जल, मिट्टी और ध्वनि); वन्य जीव और उसका संरक्षण; संकटग्रस्त प्रजातियां; राजस्थान राज्य के विशेष संदर्भ में अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान।
जैव प्रौद्योगिकी:
- पुनः संयोजक डीएनए प्रौद्योगिकी उपकरण और तकनीक; जीन क्लोनिंग, क्लोनिंग वैक्टर, डीएनए प्रवर्धन, पॉलीमरेज़ शृंखला अभिक्रिया।
सूक्ष्म जीव विज्ञान :
- यूकेरियोट, प्रोकैरियोट; वायरस, बैक्टीरिया, माइकोप्लाज्मा, लाइकेन।
पादप आकृति विज्ञान और शरीर रचना :
- पादप ऊतकों के प्रकार, एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री जड़, तना और पत्तियों का ऊतकीय संगठन; फूल की संरचना; पुष्पक्रम के प्रकार ।
जल संबंध :
- एक जैव अणु के रूप में जल के भौतिक और रासायनिक गुण; ऑस्मोसिस डीपीडी(परासरण,विसरण दाब), प्लास्मोलिसिस(जीवद्रव्य कुंचन), जल विभव, जल अवशोषण, रसारोहण।
प्रकाश संश्लेषण और श्वसन :
- प्रकाश संश्लेषक वर्णक; प्रकाश तंत्र; लाल बूँद प्रभाव; इमरसन प्रभाव;प्रकाशीय अभिक्रिया,अप्रकाशिक अभिक्रिया (C3 चक्र); जीवाणु प्रकाश संश्लेषण और रसायन संश्लेषण; प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक ।
- श्वसन: श्वसन के प्रकार; ग्लाइकोलाइसिस, क्रेब चक्र; श्वसन गुणांक; किण्वन ।
एंजाइम :
- संरचना, वर्गीकरण, क्रिया का तंत्र और एंजाइम गतिविधियों को प्रभावित करने वाले कारक।
पौधों की वृद्धि और विकास :
- विभेदन,निर्विभेदन और पुनर्विभेदन। पादप वृद्धि नियंत्रकों की संरचना,खोज और भूमिका – ऑक्सिन, जिब्बरेलिन्स, साइटोकाइनिन, एथिलीन और एब्सिसिक एसिड।
प्राणी परिवर्धन जीव विज्ञान :
- युग्मकजनन, निषेचन, विदलन, कन्दूकन,जीव जनन ।
उद्विकास :
- लैमार्कवाद, डार्विनवाद, प्राकृतिक वरण,अनुकूलन, नव-डार्विनवाद, नव-लैमार्कवाद; प्रजातियाँ और प्रजाति की अवधारणा ।
मानव शरीरिकी एवं कार्यिकी :
- मानव ऊतक की संरचना और कार्य, पाचन तंत्र, उत्सर्जन तंत्र, श्वसन तंत्र, परिसंचरण तंत्र एवं तंत्रिका तंत्र ।
मानव स्वास्थ्य :
- पोषण, सामान्य मानव रोग, टीकाकरण, प्रतिरक्षा, ऊतक और अंग प्रत्यारोपण और जैव-उपचार तकनीक।
Chemistry-
परमाणु संरचना :
- मूलभूतकण, परमाणु मॉडल और उनकी सीमाएं, कणों की दोहरी प्रकृति, डी-ब्रॉगली समीकरण, अनिश्चितता सिद्धांत, परमाणु संरचना की आधुनिक अवधारणा, क्वांटम संख्याएं, औफबाउ सिद्धांत, पाउली का अपवर्जक सिद्धांत, हुण्ड का नियम, (N+1) नियम ।
- तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास,साधारण सम नाभिकीय द्विपरमाणुक अणुओं का आण्विक कक्षक सिद्धांत, परमाणु द्रव्यमान, आणविक द्रव्यमान, तुल्यांकी द्रव्यमान, मोल अवधारणा, प्रतीक, आयन, मूलक, विभिन्न संयोजकता, सूत्रों के प्रकार,मुलानुपाती सूत्र, आण्विक सूत्र, रासायनिक रससमिकरणमिति।
रासायनिक आबंधन और आण्विक संरचना :
- आयनिक आबंध,सहसंयोजी आबंध,उपसहसायोजक आबंध,आयनिक और सहसंयोजी आबंध के सामान्य गुणधर्म, ध्रुवण, संकरण, अणुओं की ज्यामिति,आबंध के दिशात्मक गुणधर्म, फाजान का नियम, अनुनाद की अवधारणा ।
तत्वों का वर्गीकरण और गुणधर्मों में आवर्तिता :
- मेण्डलीव की आवर्त सारणी का नियम और तत्वों वर्गीकरण, मेण्डलीव की आवर्त सारणी की सीमाए , आवर्त सारणी की आधुनिक अवधारणा, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों का नामकरण,गुणधर्मों में आवर्तिता परमाण्वीय और आयनिक त्रिज्याएँ , आयनन एन्थैल्पी, इलेक्ट्रॉन ग्रहण एन्थैल्पी, विद्युत ऋणात्मकता और संयोजकता ।
साम्यावस्था :
- द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम एवं समांग साम्यावस्था के लिए इसके अनुप्रयोग ,ले-शातेलिए का सिद्धांत और भौतिक एवं रासायनिक निकाय के लिए इसके अनुप्रयोग ।
- रासायनिक साम्य को प्रभावित करने वाले कारक ।
- विलयन मे आयनिक साम्यावस्था,अम्ल-क्षार अवधारणा, पी एच स्केल, बफर विलयन । अम्ल और क्षार का वियोजन, सम आयन प्रभाव और उसके महत्व । विलेयता गुणन एवं उपयोग।
रेडॉक्स अभिक्रिया (अपचयोपचय) :
- रेडॉक्स अभिक्रिया की अवधारणा, ऑक्सीकरण संख्या, संतुलन और रेडॉक्स अभिक्रियाओं के अनुप्रयोग ।
कार्बनिक रसायन –सिद्धांत और तकनीकें :
- कार्बनिक यौगिकों के शुद्धिकरण की विधियाँ, गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण, IUPAC नामकरण एवं वर्गीकरण ।
- समअपघटनी और विषम अपघटनी आबन्ध विखंडन, मुक्त मूलक, कार्ब धनायन,कार्बऋणायन, इलेक्ट्रॉन स्नेही और नाभिक स्नेही, कार्बनिक अभिक्रियाओं के प्रकार ।
हाइड्रोकार्बन :
- एलिफैटिक हाइड्रोकार्बन (एल्केन,एलकीन और एल्काइन); ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (बेंजीन), ऐरोमैटिक की अवधारणा, रासायनिक गुणधर्म ।
Physics-
भौतिकी जगत और मापन :
- मौलिक और व्युत्पन्न इकाइयाँ, इकाइयों की प्रणाली,विमीय सूत्र और विमीय समीकरण, सटीकता और माप में त्रुटि ।
सदिश :
- सदिश और अदिश राशियाँ, इकाई सदिश, सदिश संकलन और गुणन ।
गतिकी :
- एक विमीय गति, एक समान त्वरित गति,दो विमाओं में एक समान वेग/त्वरण के साथ गति,तीन विमाओं मे एक पदार्थ की गति ,आपेक्षिक वेग ।
गति के नियम :
- न्यूटन के गति नियम, आवेग, रैखिक संवेग संरक्षण ।
कार्य, ऊर्जा, शक्ति :
- परिवर्ती/परिवर्तनशील बल द्वारा किया गया कार्य, गतिज और स्थितिज ऊर्जा,एक विमीय और द्विविमीय दिशा में प्रत्यास्थ संघट्ट, गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा,स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा ,ऊर्जा सरक्षण का नियम सरक्षी और असरक्षी बल,शक्ति ।
घूर्णी गति :
- द्रव्यमान केंद्र एवं इसकी गति घूर्णन गति ,बल आघूर्ण,कोणीय संवेग,केन्द्रीय बल,केन्द्रीय गति,जड़त्व आघूर्ण ,जड़त्व आघूर्ण की प्रमेय,लोटनिक गति।
घर्षण :
- घर्षण की उत्पत्ति, घर्षण बल का परिमाणीकरण, घर्षण के प्रकार।
गुरुत्वाकर्षण :
- गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम, गुरुत्वाकर्षण त्वरण (g), g की विवधता, कक्षीय वेग, पलायन वेग, ग्रहीय गति, केप्लर का नियम।
पदार्थ के गुण :
- हुक का नियम, यंग का गुणांक,कठोरता/दृढ़ता का आयतन गुणांक और अपरूपण गुणांक,ऐंठन कठोरता/दृढ़ता,द्रव्यों के प्रत्यास्थ के व्यवहार के अनुप्रयोग ।
तरल यांत्रिकी :
- तरल के प्रवाह के प्रकार, क्रांतिक वेग, श्यानता का गुणांक, टर्मिनल वेग, स्टोक का नियम, रेनॉल्ड की संख्या, बर्नौली का प्रमेय और अनुप्रयोग।
विद्युत और चुंबकत्व :
- विद्युत धारा, विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव और विद्युत चुम्बकीय प्रेरण।
किरण प्रकाशिकी और प्रकाशिक उपकरण :
- परावर्तन और अपवर्तन के नियम, लेंस और दर्पण द्वारा छवि निर्माण, पूर्ण आंतरिक परावर्तन, प्रिज्म द्वारा प्रसार, प्रकाश का प्रकीर्णन, दृष्टि दोष,सूक्ष्मदर्शी,दूरदर्शी ।
Part-2 (स्नातक मानक)
कोशिका और आण्विक जीव विज्ञान:
- कोशिका चक्र,समसूत्री एवं अर्द्धसूत्री विभाजन एवं इनका महत्व ।
- गुणसूत्रीय संगठन,DNA प्रकृतिकरण; प्रतिलेखन;अनुवाद ।
आनुवंशिकी :
- पश्य मेण्डेलियन कार्य,जीन परस्पर क्रिया,प्रोकैरियोट् और यूकेरियोट् में जीन अभिव्यक्ति का नियमन, सहलग्नता, क्रॉस विनिमय,भौतिक मानचित्रण,लिंग निर्धारण और लिंग सहलग्न वंशागति, मातृक वंशागति, उत्परिवर्तन और गुणसूत्रीय विपथन ।
जन्तु वर्गिकी :
- वर्गीकरण संग्रह की पद्धतियाँ ,प्राणी जगत के वर्ग स्तर तक की विशेषताएं एवं लक्षण ।
प्रतिनिधि जन्तु :
- पैरामीशियम, फासियोला, केंचुआ,कॉकरोच और मेंढक की बाहरी और आंतरिक सरंचना तथा जीवन चक्र ।
आवृतबीजी पादपों की वर्गिकी :
- आवृतबीजियों का वर्गीकरण; पुष्पक्रम के प्रकार; यूफोर्बिएसी, सोलेनेसी, मालवेसी, कॉनवॉलव्यूलेसी, फाबेसी, एस्ट्रेसी और पोएसी कुल के पादपों का आर्थिक महत्व और विशेषताएं, पुष्प सूत्र और पुष्प आरेख ।
पारिस्थितिकी और पर्यावरण विज्ञान :
- पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना और कार्य; पारिस्थितिकी अनुक्रमण, ऊर्जा प्रवाह, जैव-रासायनिक चक्र – कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, फास्फोरस; विश्व के प्रमुख बायोम, रेड डाटा बुक, पर्यावरण कानून, प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दे – ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीनहाउस प्रभाव, अम्लीय वर्षा, अल-नीनो, ला-निनो, ओजोन का अवक्षय, वनों की कटाई(वनोन्मूलन), कार्बन उत्सर्जन, विकिरण के खतरे ।
जैव प्रौद्योगिकी :
- आनुवंशिकी अभियांत्रिकी, जीन स्थानांतरण की तकनीके, जीनोमिक लाइब्रेरी, पौधे और पशु ऊतक संवर्धन; आनुवंशिक रूप से रूपांतरित फसलें, औषधि तथा कृषि क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग, ट्रांसजेनिक जन्तु और पादप । DNA फिंगर प्रिंटिंग, नैतिक मुद्दें , बायोपायरेसी।
क्रिप्टोगैम्स:
- शैवाल, कवक, ब्रायोफाइट्स और टेरिडोफाइट्स की सामान्य लक्षण, वर्गीकरण, प्रजनन और जीवन चक्र के प्रकार ।
बीजीय पादप :
- सामान्य विशेषताएँ, बीजीय स्वभाव का उद्विकास । अनावृत्त बीजियों के सामान्य लक्षण और प्रजनन ।
पादप शरीरिकी :
- शीर्षस्थ विभज्योतक, तने का असामान्य ऊतकीय संगठन – मेडुलरी और कॉर्टिकल संवहनी बंडल, तनों में असामान्य द्वितीयक वृद्धि ।
पौधों में जनन :
- दोहरा निषेचन, भ्रूण और भ्रूणपोष के प्रकार, बहुभ्रूणता,असंगजनन, अनिषेकजनन ।
जल संबंध:
- वाष्पोत्सर्जन,बिन्दुस्त्राव, रंध्र गति की क्रियाविधि, वाष्पोत्सर्जन को प्रभावित करने वाले कारक, फ्लोएम परिवहन की क्रियाविधि ।
पादप पोषण:
- लघु एवं दीर्घ पोषक तत्व की भूमिका एवं कमी से उत्पन्न लक्षण ।
प्रकाश संश्लेषण और श्वसन :
- C3, C4 चक्र और क्रेसुलेसियन एसिड मेटाबॉलिज़्म, फोटोफॉस्फोराइलेशन – रसायन परासरणी परिकल्पना, प्रकाश श्वसन।
श्वसन :
- इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला और ऑक्सीकरणी फॉस्फोरिलीकरण ।
पौधों की वृद्धि और परिवर्धन :
- विकास की गतिकी, दीप्तिकालिता, वसंतीकरण, बीज प्रसुप्ति,वार्धक्य, पुष्प क्रिया विज्ञान और फल विकास ।
जन्तु परिवर्धन जीव विज्ञान :
- अतिरिक्त भ्रूण झिल्ली, प्लेसेंटा, पुनर्जनन, स्टेम सेल, टेराटोलॉजी, पशु क्लोनिंग, टेस्ट ट्यूब बेबी, नियति चित्रण, अभिषेकजनन, बुढ़ापा, पेडोजेनेसिस और नियोटेनी।
मानव कार्यीकी :
- अंतःस्रावी तंत्र, पाचन ग्रंथियां, तंत्रिका आवेग संवहन, मांसपेशियों में संकुचन, प्रजनन का हार्मोनल नियंत्रण, रक्त में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का गैस परिवहन, हृदय चक्र, रक्त का थक्का जमना ।
आर्थिक प्राणी विज्ञान :
- प्रोटोजोआ, एनेलिड्स, कीट और मोलस्का का आर्थिक महत्व; मधुमक्खियों और बंदरों का सामाजिक जीवन ।
उप-सहसंयोजक यौगिक :
- उप-संसायोजकसंख्या, लिगेंड और उनके प्रकार और वर्नर का सिद्धांत, उप-संसायोजकयौगिकों का IUPAC नामकरण और मोनो परमाणु उप-संसायोजक यौगिक का निर्माण, आइसोमेरिज्म, संकुल में आकार, रंग व चुंबकीय चुंबकीय गुणधर्म , उप-संसायोजक यौगिक का स्थायित्व, धातु कार्बोनिल यौगिक (प्रारम्भिक ज्ञान) ।
आणविक संरचना:
- संयोजकता आबन्ध सिद्धांत, साधारण सम नाभिकीय द्विपरमाणुक अणुओं का आणविक कक्षक सिद्धांत, संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धांत ।
द्रव्य की अवस्थाएँ:
- गैसीय अवस्था- गैस नियम, आदर्श गैस समीकरण, डाल्टन का आंशिक दबाव का नियम, गैसों का गतिज सिद्धांत, आदर्श व्यवहार से विचलन, क्रांतिक ताप और उसका महत्व, गैसों का द्रवीकरण ।
- द्रव अवस्था- द्रव के गुणधर्म, वाष्प दबा, पृष्ट तनाव और श्यानता गुणांक और इसके अनुप्रयोग ।
- ठोस अवस्था- ठोस का वर्गीकरण, क्रिस्टल संरचना।
शून्य वर्ग के तत्व :
- आवर्त सारणी में स्थिति,प्रथक्करण, शून्य वर्ग के तत्वों के यौगिक ।
S तथा P-ब्लॉक तत्व:
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, सामान्य विशेषताएँ और गुण ।
D-ब्लॉक तत्व:
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, सामान्य गुणधर्म जैसे की – रंग, ऑक्सीकरण अवस्था, कॉम्प्लेक्स बनाने की प्रवृत्ति, चुंबकीय गुणधर्म,अंतराकाशी यौगिक, उत्प्रेरक गुण, मिश्र धातु ।
F-ब्लॉक तत्व:
- लैंथेनाइड्स और एक्टिनाइड्स, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, लैंथेनाइड संकुचन और इसके परिणाम, अत्यधिक भारी तत्व ।
धातु एवं धातुकार्मिकी :
- खनिज और अयस्क, धातुकार्मिकी के सामान्य सिद्धांत, Cu, Fe, Al और Zn का धातुकार्मिकी ।
अधात्विक तत्व एवं उनके यौगिक:
- कार्बन, नाइट्रोजन, सल्फर, ऑक्सीजन, फॉस्फोरस, हैलोजन। कार्बन,सल्फर तथा फास्फोरस के अपररूप एवं उनके उपयोग,सीमेंट तथा प्लास्टर ऑफ पेरिस ।
रासायनिक बल गतिकी :
- आण्विक की अभिक्रिया एवं कोटी, अणु संख्यता प्रथम तथा द्वितीय कोटी की अभिक्रिया एवं उनका दर व्यंजक (व्युत्पत्ति नहीं),शून्य तथा छद्म कोटी की अभिक्रिया, अर्हेनियस समीकरण, संघट्ट सिद्धांत एवं सक्रिय संकुल सिद्धांत ।
विलयन :
- परासरण दाब, वाष्प दाब में आपेक्षिक अवनमन, क्वथनांक बिन्दु मे उन्नयन एवं हिमांक बिन्दु मे अवनमन। विलयन में आणविक भार का निर्धारण। विलेय का संयोजन और पृथक्करण ।
वैधुत रसायन :
- वैधुत रासायनिक सेल, इलेक्ट्रोड विभव, ई.एम.एफ. चालकत्व का मापन । सेल नियतांक, विशिष्ट और तुल्यांकी चालकता, कॉलराउश का नियम और उसके अनुप्रयोग, घुलनशीलता और घुलनशीलता उत्पाद, दुर्बल विद्युत अपघटनी विलयनों की अनंत तनुता पर तुल्यांकी चालकता, जल आपघटन और जल अपघटन स्थिरांक ।
पृष्ट रसायन :
- अधिशोषण, समांगी और विषमांगी उत्प्रेरण, कोलाइड और निलंबन ।
अभिक्रिया की क्रियाविधि :
- प्रेरणिक, मेसोमेरिक तथा अति-संयुग्मन,योगात्मक तथा प्रतिस्थापी , इलेक्ट्रोनस्नेही योगात्मक और प्रतिस्थापन अभिक्रिया, नाभिकस्नेही योगात्मक और प्रतिस्थापी अभिक्रिया, क्रियात्मक समूह का निर्देशात्मक प्रभाव ।
स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीकें :
- UV-दृश्यमान (बीयर-लैम्बर्ट का नियम), ऑक्सोक्रोम और क्रोमोफोर, विभिन्न शिफ्ट, डाइन्स तथा पॉलीइन्स और एनोन यौगिकों के λmax मूल्यों की गणना । IR: आणविक कंपन, हुक का नियम, IR बैंड की तीव्रता और स्थिति, फिंगर प्रिंट क्षेत्र, सामान्य कार्यात्मक समूह के अवशोषण विशेषता ।
जैव-अकार्बनिक रसायन :
- Mg, Ca, Fe और Cu के विशेष संदर्भ में जैविक प्रणाली में भारी और अल्पमात्रा वाली धातु आयनों की भूमिका ।
जैव-अणु:
- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, न्यूक्लिक एसिड ।
बहुलक :
- प्राकृतिक और संश्लेषित बहुलक ।
दैनिक जीवन में रसायन :
- औषधि में रसायन, खाद्य पदार्थों में रसायन, शोधन अभिकर्मक ।
यांत्रिकी :
- संरक्षण नियम , द्रव्यमान का केंद्र, प्रत्यास्थ तथा अप्रत्यास्थ संघट्ट, अवमंदित तथा बल युग्म दोलन ।
विद्युत गतिकी :
- कूलाम का नियम, विद्युत क्षेत्र और विभव , द्विध्रुव,परावैद्युत क्षेत्र की संकल्पना, गॉउस प्रमेय और इसके अनुप्रयोग, मैक्सवेल के समीकरण ।
तरंग प्रकाशिकी :
- हाइगेन्स का सिद्धांत, प्रकाश का व्यतिकरण, यंग का द्विझिरी प्रयोग, प्रकाश का विवर्तन, एकल झिरी विवर्तन, प्रकाशिक यंत्रों की विभेदन क्षमता, ध्रुवण और प्रकीर्णन ।
ऊष्मीय तथा सांख्यिकी भौतिकी :
- ऊष्मा गतिकी के नियम, कार्नो इंजन और दक्षता; आंतरिक ऊर्जा, एन्ट्रापी, एन्थैल्पी और गिब्स मुक्त ऊर्जा और लीगैण्ड्रे परिवर्तन, कणों की प्रणाली का सांख्यिकी विवरण, प्रतीक, सामान्य अवधारणाएँ तथा घनत्व की अवस्थाओं ।
क्वांटम यांत्रिकी:
- क्वांटम यांत्रिकी की अवधारणाएँ, अनिश्चितता सिद्धांत, श्रोडिंगर समीकरण, एक समान दोलन गति तथा उसकी स्थिर अवस्थाएँ, एक विमीय स्त्रोत तथा बाधाएँ रिक्त रैखिक सदिश तथा सूचकांक ।
आधुनिक भौतिकी:
- सापेक्षता का सिद्धांत, नाभिकीय भौतिक तथा रेडियो सक्रियता, परमाणु की संरचना,तत्वों के तरंगीय गुण, कण भौतिकी ।
Part-3 शिक्षण विधियां :
- विज्ञान की परिभाषा और अवधारणा, विज्ञान की प्रकृति, अन्य स्कूली विषयों के साथ संबंध के संदर्भ में सहसंबंध के प्रकार, विज्ञान शिक्षण के लक्ष्य और उद्देश्य, वैज्ञानिक विधि, वैज्ञानिक साक्षरता, वैज्ञानिक अभिवृति ।
- माध्यमिक स्तर पर विज्ञान पाठ्यक्रम निर्माण करने के सिद्धांत, विज्ञान पाठ्यक्रम के निर्माण व चयन को प्रभावित करने वाले कारक, विज्ञान के संदर्भ मे राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रुपरेखा-2005, इकाई योजना और पाठ योजना, शैक्षिक उद्देश्यों के वर्गीकरण
विधियाँ और उपागम :
- व्याख्यान युक्त प्रदर्शन विधि, प्रयोगशाला विधि, समस्या समाधान विधि, परियोजना विधि, अनुसंधान विधि, आगमन और निगमन विधि, पूछताछ उपागम, रचनात्मक उपागम, बहु-संवेदी शिक्षण सहायक सामग्री ।
- विज्ञान प्रयोगशाला व इसके महत्व, पाठ्य सहगामी क्रियाएँ -विज्ञान क्लब, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान मेला और क्षेत्र यात्रा ।
मूल्यांकन :
- संकल्पना,उद्देश्य एवं प्रकार,परीक्षण सामग्री के प्रकार, ब्लू प्रिंट का निर्माण ।
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